लखनऊ: नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए चालक ने लगाई दौड़ और हार गया जिंदगी की जंग

टीम भारत दीप |

जब मोहनराम के घर उनकी मौत की सूचना पहुंची तो वहां कोहराम मच गया।
जब मोहनराम के घर उनकी मौत की सूचना पहुंची तो वहां कोहराम मच गया।

एफएसओ हजरतगंज राम कुमार रावत के अनुसार सेकंड आफिसर के पद पर प्रमोशन होना था, शनिवार को इसकी दौड़ महानगर पीएसी ग्राउंड पर थी, 19 जनपदों से दमकल विभाग के ड्राइवर इस दौड़ में शामिल होने आए थे। मोहन राम भी रेस में शामिल हुए थे, उन्होंने स्टार्ट लाइन से तेजी से दौड़ लगाना शुरू किया था ।

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ से शनिवार को एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया। यहां एक फायर ब्रिगेड विभाग का चालक नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए दिल की बीमारी होने के बाद दौड़ लगाई,

 उसे नहीं पता था कि नौकरी में आगे बढ़ने के लिए यह दौर उसकी यह आखिरी दौड़ होगी। दरअसल शनिवार को प्रदेश की राजधानी में फायर ब्रिगेड में प्रमोशन देने के लिए दौड़ कराई गई थी।

इस दौड़ में   शनिवार सुबह दमकल विभाग में ड्राइवर से सेकेंड आफिसर के पद पर प्रमोशन के लिए कर्मचारी शामिल हुए थी, इसी में भाग लेने के लिए प्रयागराज नैनी फायर स्टेशन के मोहन राम (55) शामिल हुए थे। 

मोहन को हृदय की बीमारी थी, इसके बाद भी मोहन राम ने दौड़ लगा दी, दौड़ते समय वह गश्त खाकर ट्रैक पर गिर गए,लेकिन वह कभी उठ नहीं पाएंगे। एफएसओ हजरतगंज राम कुमार रावत के अनुसार सेकंड आफिसर के पद पर प्रमोशन होना था,। 

शनिवार को इसकी दौड़ महानगर पीएसी ग्राउंड पर थी, 19 जनपदों से दमकल विभाग के ड्राइवर इस दौड़ में शामिल होने आए थे। मोहन राम भी रेस में शामिल हुए थे, उन्होंने स्टार्ट लाइन से तेजी से दौड़ लगाना शुरू किया था, कुछ कदम दौड़ने के बाद उनकी रफ्तार कम हो गई। 

 वह रेस ट्रैक पर गिर पड़े, मोहन राम को जमीन पर गिरते देख अधिकारी और डॉक्टर दौड़ पड़े, मोहन राम को तत्काल अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एफएसओ के अनुसार मोहन राम मूल रूप से गाजीपुर के थाना सैदपुर के रहने वाले थे।

19 जिलो के दमकल चालक हुए शामिल

प्रमोशन की दौड़ में प्रदेश के 19 जिलो के दमकल विभाग के चालक शामिल हुए, जिसमें मोहनराम भी शामिल थे। उन्होंने स्टार्ट लाइन से तेजी से दौड़ना शुरू किया, कुछ कदम दौड़ने के बाद ही उनकी रफ्तार कम हो गई।

वह रेसिंग ट्रैक पर ही गिर पड़े। मोहन राम को जमीन पर गिरा देख अधिकारी और डॉक्टरों ने दौ़ड़ लगा दी,लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गईं। वहीं जब मोहनराम के घर उनकी मौत की सूचना पहुंची तो वहां कोहराम मच गया।

परिजन भागते हुए प्रयागराज से राजधानी लखनऊ पहुंचे। वहीं देर शाम पुलिस ने शव का पीएम कराने के बाद परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया। परिजन शव लेकर अपने मूल जनपद चले गए। 

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