जयपुर में पढ़ाई के दौरान तेज आवाज में गाना सुनते समय ईयरफोन फटने से युवक की मौत

टीम भारत दीप |

घरवालों का कहना है कि वह ईयरफोन लगाकर पढ़ाई कर रहा था।
घरवालों का कहना है कि वह ईयरफोन लगाकर पढ़ाई कर रहा था।

इस विषय में डॉक्टरों का कहना है कि ईयरफोन फटने से हुई तेज आवाज की वजह से युवक को कार्डियक अरेस्ट आया होगा। यही उसकी मौत की वजह बना। जयपुर के सीकर हाईवे पर उदयपुरिया गांव में रहने वाले 28 साल के राकेश नागर की फरवरी में ही शादी हुई थी। घर वाालों ने बताया कि वह पढ़ाई के लिए अक्सर कंप्यूटर का उपयोग करता रहता था।

जयपुर। राजस्थान के जयपुर में एक युवक को पढ़ाई के दौरान तेज आवाज में गाना सुनने का शौक भारी पड़ा इस शौक में उसकी जान चली गई। दरअसल युवक पढ़ाई के दौरान कम्प्यूटर से  ईयरफोन फोन लगाकर तेज आवाज में गाना सुन रहा था। इसी दौरान ईयरफोन फटने से उसके कान से खून बहने लगा और उसकी मौत हो गई। जानकारी होने पर उसके घर वाले की उसकी जान बचाने के लिए अस्पताल लेकर भागे डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उसे ने मृत घोषित कर दिया।

इस विषय में डॉक्टरों का कहना है कि ईयरफोन फटने से हुई तेज आवाज की वजह से युवक को कार्डियक अरेस्ट आया होगा। यही उसकी मौत की वजह बना। जयपुर के सीकर हाईवे पर उदयपुरिया गांव में रहने वाले 28 साल के राकेश नागर की फरवरी में ही शादी हुई थी।

घर वाालों ने बताया कि वह पढ़ाई के लिए अक्सर कंप्यूटर का उपयोग करता रहता था। शुक्रवार दोपहर को वह खेत में बने घर में ईयरफोन पर गाने सुन रहा था। इसी दौरान ईयरफोन का स्पीकर फट गया और उसकी मौत हो गई। वहीं घरवालों का कहना है कि वह ईयरफोन लगाकर पढ़ाई कर रहा था।

बताया जाता है कि घटना के समय वह कमरे में अकेला था। मां, बहन व परिवार के सभी सदस्य खेत में काम कर रहे थे। युवक कमरे में पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान तेज आवाज हुई। आवाज सुनकर सभी दौड़े आए। देखा कि युवक जमीन पर पड़ा था। घर वाले भागकर उसे अस्पताल  लेकर पहुंचे जहां, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजनों ने पोस्टमॉर्टम नहीं कराया। इसलिए पुलिस ने भी कोई केस दर्ज नहीं किया है।युवक जो ईयरफोन और कंप्यूटर इस्तेमाल करता था, वह काफी पुराने हैं। ईयरफोन तो लोकल कंपनी का है। कंप्यूटर की कंपनी के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

विशेषज्ञयों के अनुसार हमेशा ब्रांडेड कपंनी के ही इलेक्ट्रिक सामान यूज करने चाहिए सस्ते के चक्कर में हम लोकल सामान ले आते है, जिनके निर्माण में मानकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसलिए कई बार यह जान पर बन आते है। 

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