पुलिस स्मृति दिवस पर सीएम ने ली परेड की सलामी, बलिदानियों के परिजनों का किया सम्मान

टीम भारत दीप |

मुख्य आरक्षी व आरक्षी को सीयूजी सिम व सालाना दो हजार मोबाइल भत्ता देने की भी घोषणा की।
मुख्य आरक्षी व आरक्षी को सीयूजी सिम व सालाना दो हजार मोबाइल भत्ता देने की भी घोषणा की।

ड्यूटी करते हुए कर्तव्य की वेदी पर प्राणों की आहूति देने वाले चार बलिदानी पुलिसकर्मियों के सम्मान में गुरुवार को लखनऊ पुलिस लाइंस में शस्त्र झुके थे। कार्यक्रम में चार शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पुलिस स्मृति दिवस परेड के सलामी लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन चार बलिदानी पुलिसकर्मियों के परिवार को सम्मानित भी किया।

लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पुलिस स्मृति दिवस पर लखनऊ पुलिस लाइंस में शोक परेड की सलामी ली। योगी ने कार्यक्रम में बलिदानी चार पुलिसकर्मियों के परिवारीजन को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री  ने पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस कल्याण से जुड़ी घोषणाएं भी कीं। इस अवसर पर डीजीपी मुकुल गोयल तथा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी भी उपस्थित रहे। 

ड्यूटी करते हुए कर्तव्य की वेदी पर प्राणों की आहूति देने वाले चार बलिदानी पुलिसकर्मियों के सम्मान में गुरुवार को लखनऊ पुलिस लाइंस में शस्त्र झुके थे। कार्यक्रम में चार शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

पुलिस स्मृति दिवस परेड के सलामी लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन चार बलिदानी पुलिसकर्मियों के परिवार को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उन्होंने पुलिसकर्मियों को उनके कल्याण से जुड़ी घोषणाएं भी कीं।

उन्होंने अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के पौष्टिक आहार भत्ते में 25 फीसद बढ़ोत्तरी की घोषणा की। इसके साथ ही प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए मुख्य आरक्षी व आरक्षी को सीयूजी सिम व सालाना दो हजार रुपए मोबाइल भत्ता देने की भी घोषणा की।

सीएम बोले- सरकार बलिदानी पुलिसकर्मियों के परिवार के साथ है

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ बलिदानी पुलिसकर्मियों के परिवार के साथ है। उन्होंने कहा कि पुलिसजन अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी प्रदेश तथा देश में अपराध व अपराधी को नियंत्रित करने के साथ ही माता व बहनों की रक्षा में लगे रहते हैं।

इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण काल में पुलिसकिर्मयों का अहम् योगदान रहा है।इस अवसर पर डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि आज तो शहीद वीरों को याद करने का दिन है। शहीदों की स्मृति में हम सब एकत्र हैं। सभी शहीदों को मेरा नमन है। बीते एक वर्ष में उत्तर प्रदेश पुलिस के चार कर्मी शहीद हुए थे।

मुख्यमंत्री ने पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर इस वर्ष बलिदानी शहीद उपनिरीक्षक स्वर्गीय प्रशान्त यादव, शहीद आरक्षी स्वर्गीय सोनू कुमार, स्वर्गीय हरविन्द्र सिंह व देवेन्द्र सिंह के परिवार को सम्मानित किया। एक सितंबर 2020 से 31 अगस्त 2021 के मध्य देश में कर्तव्य पथ पर वीरगति को प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों की शौर्य गाथाओं को याद किया गया।

यह हैं बलिदानियों की गाथा

मालूम हो कि आगरा के थाना खंदौली में तैनात उपनिरीक्षक प्रशान्त यादव  आरक्षी चन्द्रेसन के साथ गश्त कर रहे थे। ग्राम नहर्रा के पास अपराधी विश्वनाथ प्रशान्त यादव पर गोली चला दी थी। गोली लगने से घायल उपनिरीक्षक प्रशान्त यादव की 24 मार्च 2021 को मृत्यु हो गई थी।

वहीं मैनपुरी में तैनात आरक्षी हरविन्द्र सिंह भाजपा नेता शिवम सिंह चौहान के गनर थे। छह नवंबर 2020 की शाम स्टेशन रोड के पास बदमाशों ने भाजपा नेता की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग  की थी।

 हमले में शिवम सिंह की सुरक्षा में तैनात हरविन्द्र सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आगरा के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान 28 नवंबर को उनकी मृत्यु हो गई थी।आगरा के थाना सैंया में तैनात उपनिरीक्षक अमित कुमार सिंह अन्य आरक्षियों के साथ आठ नवंबर 2020 की रात क्षेत्र में गश्त कर रहे थे।

इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि एक ट्रैक्टर ट्राली राजस्थान से अवैध खनन लेकर आ रही है। इस सूचना पर आरक्षी सोनू कुमार व दो अन्य आरक्षियों को थाने से बुलाया गया, जो तिराहे पर मुस्तैद हो गए थे। कुछ देर बाद अवैध खनन से लदी ट्रैक्टर ट्राली उधर से गुजरी और तिराहे पर पुलिसकर्मियों को मौजूद देखकर चालक ने ट्रैक्टर की रफ्तार बढ़ा दी।

आरक्षी सोनू कुमार ने बड़े साहस से ट्रैक्टर को रोकने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने उन्हें टक्कर मार दी थी। घटना में गंभीर रूप से घायल आरक्षी सोनू कुमार की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी।

इसी तरह कासगंज के थाना सिढपुरा में तैनात उपनिरीक्षक अशोक कुमार व आरक्षी देवेन्द्र सिंह नौ फरवरी 2021 को वांछित अपराधी की तलाश में निकले थे। ड्यूटी के दौरान ग्राम नगला धीमर में अपराधी मोती, उसके भाई एलकार व पांच-छह अन्य अपराधियों के साथ मिलकर दोनों पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया था। घायल आरक्षी देवेन्द्र सिंह को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।  

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